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लेखनी कविता -10-Feb-2022 (सर्दी की बारिश और चाय)

सर्दी की बारिश ने यह कैसा  हमको पैग़ाम दिया ।
उठा जाए ना बिस्तर से हमसे ऐसा जुक़ाम दिया ।।
गले मे खरास थी और स्वाश नली हो गई थी बन्द
तब मसाले वाली चाय ने हमे थोड़ा आराम दिया ।।


देना था तुम्हे सरप्राइज कुल्लू ,मनाली घुमा कर
पर नासाज़ तबियत ने बिगाड़ सारा काम दिया ।।  

सुर्ख सर्द हवाएं और ये बारिश ने  परेशान किया
ख़ुशी के साथ-साथ हमे गर्दिश-ए-अय्याम दिया ।।


सर्दी की बारिश ने मौसम का मिजाज बदल दिया
सुकूँ साँ मिला जब उन्होंने मुस्कुराकर जाम दिया ।।

हमने  अपनी  जाँ  को  किया  इस  तरह  से इज़हार
भरकर उनकी सुनी माँग को . उन्हें अपना नाम दिया ।।

अब  बारी  थी उनकी इज़हार-ए-मुहब्बत करने की
उस पगली ने हमे गुलाब की जगह झंडू बाम दिया ।।

सबसे ज्यादा प्यार हम तुम एक दूसरे से ही करते है।
सांझ की दुल्हन बन कर आता-हर्षता हर शाम दिया ।।

★★★★
©® प्रेमयाद कुमार नवीन

जिला - महासमुन्द (छःग)

लेखनी प्रतियोगिता 10/feb

   8
3 Comments

Punam verma

11-Feb-2022 09:11 AM

Very nice

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Seema Priyadarshini sahay

10-Feb-2022 05:31 PM

बहुत खूब

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Swati chourasia

10-Feb-2022 12:50 PM

Very beautiful 👌👌

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